स्थिर एवं परिवर्तनशील पूंजी खाता विधि में अंतर(Difference between Fixed Capital A/c & Fluctuating Capital A/c Method)
Contents
- स्थिर एवं परिवर्तनशील पूंजी खाता विधि में अंतर(Difference between Fixed Capital A/c & Fluctuating Capital A/c Method)
- साझेदारों के मध्य लाभ हानि का बंटवारा (Distribution of Profits Among the Partners)
- लाभ- हानि नियोजन खाता(P&L Appropriation A/c)
स्थिर एवं परिवर्तनशील पूंजी खाता विधि में अंतर(Difference between Fixed Capital A/c & Fluctuating Capital A/c Method)
अंतर का आधार | स्थिर पूंजी खाता विधि | परिवर्तनशील खाता विधि |
1 खातों की संख्या | दो खाते होते हैं 1) पूँजी खाता 2 ) चालू खाता. | पूँजी खाता ही बनता है. |
2 खातों के शेष | पूँजी खाते का शेष अपरिवर्तित रहता है, पूँजी और लगाने या निकलने पर ही बदलता है. | पूँजी खाते का शेष प्रतिवर्ष बदलता है . |
3 शेष का प्रकार | पूँजी खाता सदेव क्रेडिट शेष दिखाता है . जबकि चालू खाता डेबिट या क्रेडिट शेष दिखा सकता है. | डेबिट या क्रेडिट शेष हो सकते हैं. |
4 व्यवहारों का लेखांकन | पूँजी खाते में केवल पूँजी का लेखा होगा, अन्य लेनदेन चालू खाते में होंगे. | सभी लेनदेन चालू खाते में होंगे. |
साझेदारों के मध्य लाभ हानि का बंटवारा (Distribution of Profits Among the Partners)
लाभ-हानि खाते द्वारा प्रकट लाभ या बांटे जाने योग्य लाभ को लाभ- हानि नियोजन खाते के द्वारा साझेदारों के मध्य बांटा जाता है.
लाभ- हानि नियोजन खाता(P&L Appropriation A/c)
इस खाते में साझेदारी संलेख के हिसाब से लाभों का नियोजन होता है. यह एक नाममात्र का खाता है. लाभ – हानि खाते की तरह इसमें क्रेडिट पक्ष में शुद्ध लाभ एवं आहरण पर ब्याज लिखा जाता है. तथा डेबिट में पूँजी पर ब्याज, वेतन, कमीशन, रिज़र्व में ट्रान्सफर आदि लिखे जाते है दोनों पक्षों का अंतर लाभ या हानि होता है इसे पार्टनर के लाभ हानि अनुपात में बांटा जाता है.
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