C प्रोग्रामिंग Part 2
C प्रोग्रामिंग क्या है (What is C Programming?)
C प्रोग्रामिंग क्या है, कैसे सीखें (C and C++ Programming in Hindi)
आज हम सीखेंगे की C प्रोग्रामिंग क्या है, कैसे सीखें?, C प्रोग्रामिंग भाषा का आविष्कार किसने किया, C प्रोग्रामिंग का इतिहास क्या है? साथ ही जानेंगे की क्यों ठीक से सीखना जरूरी है C?
जैसा की हम जानते है की C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज काफी पुरानी प्रोग्रामिंग भाषा के रूप में जानी जाती है, यह एक Structured Programming Language है। इस प्रोग्रामिंग भाषा की सहायता से कंप्यूटर या अन्य मशीनो के लिए प्रोग्राम्स लिखकर उन्हें संचालित (Operate) किया जाता है।
आज जितने भी उन्नत प्रोग्रामिंग भाषाएं जैसे की जावा (Java), .नेट (.NET), पीएचपी (PHP), विज़ुअल बेसिक (Visual Basic), जावास्क्रिप्ट (JavaScript) आदि, सभी “C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज” पर आधारित है। इसलिए अगर आप C प्रोग्रामिंग भाषा सिख लेते है तो आपको अन्य प्रोग्रामिंग भाषाएँ सीखना काफी सरल हो जायेगा।
आज भी C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) बनाने में किया जाता है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows Operating System), लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Linux Operating System) और यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (UNIX Operating System) को भी बनाने में C प्रोग्रामिंग का उपयोग किया गया था।
C प्रोग्रामिंग को सिखने से पहले आपके कंप्यूटर में Turbo C++ इनस्टॉल होना चाहिए। यह एक C++ या C का कंपाइलर (Compiler) है, यह एक प्रकार का अनुवादक (Translator) है जो सोर्स कोड को ऑब्जेक्ट कोड में बदलने का काम करता है, सरल शब्दों में, कंपाइलर के द्वारा प्रोग्राम (Program) में त्रुटि (Error) को चेक किया जाता है।
C प्रोग्रामिंग का इतिहास (History of C Language)
सन 1960 में, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) ने एक प्रोग्रामिंग भाषा का अविष्कार किया जिसको B Programming Language (Basic Combined Programming Language – BCPL) नाम दिया गया।
मगर इसमें कुछ खामिया मौजूद थी किन्तु बी (B) प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक ओपन सोर्स प्रोजेक्ट (Open Source) था और कम्प्यूटर वैज्ञानिक डेनिश रिची (Dennis Ritchie) ने इसमें काफी कुछ सुधार और परिवर्तन किया और ’बी’ प्रोग्रामिंग भाषा का संशोधित रूप ने “C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज” को जन्म दिया।
इसलिए, डेनिस रिची. को प्रोग्रामिंग लैंग्वेज “C” का निर्माता माना जाता है। C प्रोग्रामिंग भाषा का अविष्कार सन 1972 मे बेल प्रयोगशाला (Bell Laboratories) में डेनिस रिची और उनकी टीम द्वारा किया गया था। ’बी’ प्रोग्रामिंग भाषा में संशोधन का मुख्य उद्देश्य यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (UNIX Operating System) का निर्माण करना था।
C प्रोग्रामिंग भाषा की विशेषताएं (Features of C Programming Language)
- C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में निर्देश (Command) देने के लिए छोटे अक्षर (lower Case Letters) का उपयोग किया जाता है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा में बनाये जाने वाले प्रोग्राम्स (Programs) के एक्सेक्युट (Execute) होने की गति तीव्र होती है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा की मुख्य विशेषता यह है कि इसमे उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा (High Level Programming Language) के साथ -साथ निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा (Low Level Programming Language) के भी संपूर्ण गुण विद्यमान होते है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा एक ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा है जिसमें सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) दोनों प्रकार के सॉफ्टवेयर बनाये जा सकते है।
- अधिकतर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर जैसे की रोजमर्रा के एप्लीकेशन, म्यूजिक प्लेयर, विडियो एडिटर, एनीमेशन सॉफ्टवेर, गेम्स आदि, C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल कर बनाये जाते है क्योंकि C प्रोग्रामिंग से बने प्रोग्राम्स काफी तेज़ी से एक्सेक्युट (Execute) होती है।
- C प्रोग्रामिंग भाषा को असेंबली भाषा (Assembly Language) मे लिखा गया है
- C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखना बहुत ही आसान होता है क्योंकि यह सरल अंग्रेजी भाषा में होता है।
C प्रोग्रामिंग की बुनियादी अवधारणा (Basic Concepts of C Programming)
◾Basic Syntax— C एक Structured Programming Language है, जो ऊपर से नीचे (Top to Bottom) की तरफ काम करती है।सरल शब्दों में, जबतक टॉप क्लियर एक्सेक्युट नही होगा तब तक वह बॉटम पर नही आ सकता है। C प्रोग्रामिंग का बेसिक सिंटेक्स कुछ इस प्रकार है:- Header, Body और Code (Statements)। इन तीन चीज़ से मिलकर एक बेसिक प्रोग्राम बनता है।
◾Functions— एक बड़े C प्रोग्राम को C फ़ंक्शन नामक बुनियादी बिल्डिंग ब्लॉक में विभाजित किया जाता है। क्योंकि प्रोग्रामिंग के दोरान कुछ ऐसे स्टेटमेंट्स होते है जो कि सम्मिलित रूप से किसी टास्क को करते हैं, दरअसल, इन फंक्शन का संग्रह C प्रोग्राम बनाता है।
◾Variables— वेरिएबल एक मेमोरी स्पेस का नाम है, जिसके उपयोग हम अपने प्रोग्राम (Program) में कोई भी वैल्यू को स्टोर करने के लिए करते हैं।
◾Data types— C प्रोग्रामिंग में डाटा टाइप (Data types) वेरिएबल डिफाइन और फंक्शन डिफाइन की टाइप डिफाइन करती है।
◾Constant— कांस्तान्ट्स (Constants) उस वेरिएबल (Variables) को कहते हैं, जिसकी वैल्यू पूरे प्रोग्राम के एक्सेक्युट (Execute) होने के टाइम में नहीं बदलती है।
◾Operators— एक ऑपरेटर (Operators) एक ऐसा सिम्बल होता है, जो कि कंपाइलर को यह बताता है कि इस जगह मैथमेटिकल फंक्शन (Mathematical Function) करना है या लॉजिकल फंक्शन (Logical Function) करना है।
◾Loops— प्रोग्रामिंग करने के दोरान कई बर ऐसी स्थिति आती है जब कोड (Code) में किसी लाइन को या कुछ लाईन को बार बार रन (Run) कराने की जरुरत होती है, ऐसी स्थिति में हम लूप (Loops) का उपयोग करते है यह भी एक तरह की प्रोग्रामिंग स्टेटमेंट है।
◾Array— बहुत सारी इनफार्मेशन (Information) को एक सिंगल डाटा टाइप (Data types)में स्टोर करने के लिए हम
अर्रे (Array) का इस्तेमाल करते है, यह एक डाटा टाइप है।
◾Pointers— C प्रोग्रामिंग में पॉइंटर (Pointers) एक ऐसा वेरिएबल (Variables) होता है, जो किसी दुसरे वेरिएबल का एड्रेस Address) को स्टोर रखता है।
◾Strings— C प्रोग्रामिंग में करैक्टर (Character) के अर्रे (Array) को स्ट्रिंग (Strings) कहते है और यह String Null Character (\0) से समाप्त होता है।
C “Hello, World!” Program
C प्रोग्रामिंग में सबसे पहले Hello World प्रोग्राम को Create किया जाता है क्योंकि यह सबसे आसान Program होता है।
1.Turbo C/C++ Download कीजिये।
2.Download कर Turbo C/C++ को अपने कंप्यूटर में इनस्टॉल कीजिये।
3.उस Application को Open कीजिये और C Hello World का Program को Copy करके अपने Compiler पर Paste कीजिए।
4.Compile करने के बाद इसे Run कीजिये, अगर आपका Program सही से Compile हो गया है तो आपका कोड Run हो जायेगा।
5.तब आपके सामने एक काला रंग का स्क्रीन खुल कर आयेगा और उसपर Hello, World! लिखा रहेगा।
Source Code :
#include
int main()
{
// printf() displays the string inside quotation
printf("Hello, World!");
return 0;
}
Output :
1 Hello, World!
C प्रोग्रामिंग महत्वपूर्ण क्यों है? (Why is C Programming Important?)
दोस्तों , आज बहुत सारी उन्नत प्रोग्रामिंग भाषाएं का अविष्कार हो चुका है और लगातार हो रहा है, किन्तु C प्रोग्रामिंग भाषा को आज भी लगभग हर कॉलेज यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जाता है चाहे आप B.Tech, BE, MCA, BCA, B.Sc. IT इत्यादि तकनीकी कोर्सेज करते है, तब भी आपको C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पढना अनिवार्य होता है क्योंकि C प्रोग्रामिंग भाषा सिख लेने के बाद अन्य किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखना काफी आसान हो जाती है।
आपने C प्रोग्रामिंग की विशेषताएं ऊपर पढ़ ही लिया है, अगर आपको C प्रोग्रामिंग में प्रोग्राम (Program) बनाना, कॉमपायल (Compile) करना और रन (Run) करना अच्छी तरह से आ गया तब C प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तेमाल आप ऑपरेटिंग सिस्टम विकास (Operating System Development), डाटाबेस सिस्टम (Database System), डिवाइस ड्राइवर (Device Driver), ग्राफिक्स पैकेज (Graphics Package), वर्ड प्रोसेसर (Word Processor) आदि में कर सकते है।
C programming language tutorial in hindi: Index
जैसे जैसे topic आगे बढेगा, यहाँ पर उसके link add होते रहेंगे.- प्रारंभ करने से पहले
- सर्वप्रथम program चलाना सीखें
- program समझना
- variables और expressions
- variables और expressions – II
- if else statement
- if else statement - II
- switch case statement
- for loop
- Array and Input
- while loop
- String
- function
- function example
- break and continue
- struct (structure)
- Memory
- Memory II
- Pointer
- Pointer II
- Pointer III
- Array and Pointer
- Void pointer
- Preprocessor
- Arithmetical Operators
- Binanry number system
- Logical and comparison operators
- Advance C/C++ Graphics In C
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सी प्रोग्रामर शुरुआती के लिए कोड नमूने
ReplyDeleteदो बहुपद c नमूना कोड जोड़ें