Featured post

Rajasthan ki prachin sabhyata

 राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएं पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार राजस्थान का इतिहास पूर्व पाषाण काल से प्रारंभ होता है। आज से करीब एक लाख वर्ष पहले मनुष्य मुख्यतः बनास नदी के किनारे या अरावली के उस पार की नदियों के किनारे निवास करता था। आदिम मनुष्य अपने पत्थर के औजारों की मदद से भोजन की तलाश में हमेशा एक स्थान से दूसरे स्थान को जाते रहते थे, इन औजारों के कुछ नमूने बैराठ, रैध और भानगढ़ के आसपास पाए गए हैं। प्राचीनकाल में उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में वैसा मरुस्थल नहीं था जैसा वह आज है। इस क्षेत्र से होकर सरस्वती और दृशद्वती जैसी विशाल नदियां बहा करती थीं। इन नदी घाटियों में हड़प्पा, ‘ग्रे-वैयर’ और रंगमहल जैसी संस्कृतियां फली-फूलीं। यहां की गई खुदाइयों से खासकर कालीबंग के पास, पांच हजार साल पुरानी एक विकसित नगर सभ्यता का पता चला है। हड़प्पा, ‘ग्रे-वेयर’ और रंगमहल संस्कृतियां सैकडों दक्षिण तक राजस्थान के एक बहुत बड़े इलाके में फैली हुई थीं। कालीबंगा सभ्यता जिला – हनुमानगढ़ नदी – सरस्वती(वर्तमान की घग्घर) समय – 3000 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व तक। राजस्थान की सबसे पुराणी सभ्यता काल – ताम्र युगीन ...

Hindi vyakaran Notes - हिंदी व्याकरण नोट्स - संधि के उदहारण -2

विसर्ग संधि-सूचि

( अ )

अब्ज= अप् + जअम्मय= अप् + मय
आकृष्ट= आकृष् + तअहंकार= अहम् + कार
अजन्त= अच् + अन्तआच्छादन= आ + छादन
अबिन्धन= अप्+ इन्धनअभिषेक अभि + सेक
अज्लुप्त= अच् + लुप्तअब्माधुर्य= अप् + माधुर्य
अब्भरण= अप् + हरणअज्झीन= अच् + हीन
अबादान= अप् + आदानअज्झरण= अच् + हरण
अनुच्छेद= अनु + छेदअब्नदी= अप् + नदी

( उ )

उद्गम= उत् + गमउद्द्घाटन= उत् + घाटन
उड्डयन= उत् + डयनउद्याम= उत् + याम
उद्धत= उत् + ह्रतउन्नयन= उत् + नयन
उद्भव= उत् + भवउन्मूलन= उत् + मूलन
उल्लंघन= उत् + लंघनउद्धार= उत् + हार
उदन्त= उत्+ अन्तउच्छृंखल= उत् + श्रृंखल
उद्विग्न= उत् + विग्नउद्योग= उत्+ योग
उदंक= उत् + अंकउद्वर्तन= उत् + वर्तन
उत्सव= उत् + सवउद्द्गार= उत् + गार
उद्द्घोष= उत् + घोषउज्ज्वल= उत् + ज्वल
उद्द्ण्ड= उत् + दंडउद्धत= उत् + हत
उन्नति= उत् + नतिउन्नायक= उत् + नायक
उन्मत्त= उत् + मत्तउन्मुख= उत् + मुख
उल्लास= उत् + लासउदग्र= उत् + अग्र
उदय= उत् + अयउच्छिष्ट= उत् + शिष्ट
उन्मूलित= उत् + मूलितउन्मीलित= उत् + मीलित
उन्माद= उत् + मादउद्द्भास= उत् + भास
उल्लेख= उत् + लेख हारउद्वेग= उत् + वेग
उच्छ्वास= उत् + श्वासऋग्वेद= ऋक + वेद

( क )

कृदन्त= कृत् + अन्तकृष्ण= कृष् + न
किंचित्= किम् + चित्किन्नर= किम्+ नर
कष्ट= कष्+ तक्लिष्ट= क्लिश् + त
काष्ठा= काष् + थाकान्ति= काम् + ति
कुंठित= कुन् + ठितकज्जल= कच् + जल

( च, ज )

चिदानंद= चित् + आनंदचिन्मय= चित् + मय
जगदानन्द= जगत् + आनंदजगदीश= जगत् + ईश
जगन्माता= जगत् + माताजगदाधार= जगत् + आधार
जगन्नाथ= जगत् + नाथजगद्गुरु= जगत् + गुरु

( त )

तल्लीन= तत् + लीनतदाकार= तत् + आकार
तृष्णा= तृष् + नातल्लय= तत्+ लय
तन्मित्र= तत् + मित्रतदात्म= तत् + आत्म
तट्टीका= तत् + टीकातद्धित= तत् + हित
तद्रूप= तत् + रूपतन्नाम= तत् + मात्र
तच्छिव= तत् + शिव

( द )

दुर्जन= दुः + जनदुस्तर= दुः + तर
दुर्नीति= दुः + नीतिदुश्शासन= दुः + शासन
दुराशा= दुः + आशादुष्कर= दुः + कर
दुर्गति= दुः + गतिदुर्दिन= दुः + दिन
दुर्वह= दुः + वहदुराचार= दुः + आचार
दुरवस्था= दुः + अवस्थादुस्साहस= दुः + साहस
दुर्व्यवहार= दुः + व्यवहारदुरात्मा= दुः + आत्मा
दुर्बुद्धि= दुः + बुद्धिदुःस्वप्न= दुः + स्वप्न
दुःख= दुः + खदुष्प्रकृति= दुः + प्रकृति
दुर्ग= दुः + ग

( न )

निरुपाय= निः + उपायनीरव= निः + रव
निरक्षर= नि: + अक्षरनमस्कार= नमः + कार
निश्चल= निः + चलनिस्सन्देह= निः + सन्देह
निस्सार= निः + सारनिरीक्षण= निः + ईक्षण
निष्पाप= निः + पापनिस्सहाय= निः + सहाय
निर्गंध= निः + गंधनिष्फल= निः+ फल
निर्जला= निः+ जलानीरोग= निः+ रोग
निराशा= निः+ आशानिर्मल= निः + मल
निश्छल= निः + छलनिस्सृत= निः + सृत
निराधार= निः + आधारनिरीह= निः + ईह
निष्काम= निः + कामनिरर्थक= निः + अर्थक
निर्विवाद= निः + विवादनिर्झर= निः + झर
निश्चय= निः + चयनिर्भर= निः + भर
निर्विकार= निः + विकारनीरस= निः + रस
निरुद्देश्य= निः + उद्देश्यनिर्जीव= निः + जीव

( प )

पृष्ठ= पृष् + थप्रतिष्ठित= प्रति + स्थित
परिच्छेद= परि + छेदपंचम= पम् + चम
पद्धति= पद् + हतिपरन्तु= परम् + तु
प्रातःकाल= प्रातः + कालपरिष्कार= परि: + कार
पुनर्जन्म= पुनः + जन्मपुरस्कार= पुरः + कार
पयोधि= पयः + धिपुनरपि= पुनः + अपि

( म )

मनोनुकूल= मनः + अनुकूलमनोरम= मनः + रम
मनस्ताप= मनः + तापमनोयोग= मनः + योग
मनोभाव= मनः + भावमनोज= मनः + ज
मनोरथ= मनः + रथमनस्कामना= मनः + कामना (मनोकामना)
मनोविज्ञान= मनः + विज्ञानमनोरंजन= मनः + रंजन
मनोगत= मनः + गत

( स )

शंका= शम् + काशिवच्छाया= शिव + छाया
शांति= शाम् + तिषडानन= षट् + आनन
षण्मास= षट् + मासषड्दर्शन= षट् + दर्शन
षष्ठ= षष् + थसदिच्छा= सत् + इच्छा
सज्जन= सत् + जनसच्छास्त्र= सत् + शास्त्र
संकल्प= सम् + कल्पसंगीत= सम् + गीत
संधि= सम् + धिसंभव= सम् + भव
संवाद= सम् + वादसम्बन्ध= सम् + बन्ध
संन्यासी= सम् + न्यासीसंस्कृत= सम् + कृत
संतोष= सम् + तोषसन्निहित= सम् + निहित
सम्राट= सम् + राट्सदाचार= सत् + आचार
संबल= सम् + बलसद्गति= सत्+ गति
संवत्= सम् + वत्सद्भावना= सत् + भावना
सन्मार्ग= सत् + मार्गसच्चिदानंद= सत्+ चित् + आनंद
संगम= सम् + गमसंगठन= सम् + गठन
संचय= सम् + चयसंयम= सम् + यम
संहार= सम् + हारसंयोग= सम् + योग
संदेह= सम् + देहसंलग्न= सम् + लग्न
संस्कृति= सम् + कृतिसमुच्चय= सम् + उत् + चय
संगठन= सम् + गठनसदानंद= सत् + आनंद
सच्चरित्र= सत् + चरित्रसद्काल= सत् + काल
संसार= सम् + चारसंलिप्त= सम् + लिप्त
स्वच्छंद= स्व + छंदसमुदाय= सम् + उत् + आय
संदीप= सम् + दीपशरदुत्सव= शरद् + उत्सव
सम्पूर्ण= सम् + पूर्णसमन्वय= सम् + अनु + अय
संहार= सम् + हारसद्वाणी= सत् + वाणी
सन्धान= सम् + धानसंताप= सम् + ताप
संगत= सम्+ गतसंथाल= सम् + थाल
संलाप= सम् + लापसंजय= सम् + जय
संस्कर्त्ता= सम् + कर्त्तासंदेश= सम् + देश
शंकर= शम् + करवाग्युद्ध= वाक् + युद्ध
वाङ्मय= वाक् + मयतदर्थ= तत् + अर्थ
यशोदा= यशः + दायशोगान= यशः + गान
यशोधरा= यशः + धराबहिर्मुख= बहिः + मुख
सरोज= सरः + जसरोवर= सरः + वर
भास्पति= भाः + पतिधनुष्टंकार= धनुः + टंकार

हिन्दी की अन्य संधि-सूची

विश्वामित्र= विश्व + मित्रसभी= सब + ही
जहीं= जहाँ + हीअमूचर= आम + चूर
कभी= कब + हीकहीं= कहाँ + ही
पोद्दार= पोत् + दारबचपन= बच्चा + पन
घुड़दौड़= घोड़ा + दौड़लड़कपन= लड़का + पन
जभी= जब + हीअभी= अब + ही
यहीं= यहाँ + हीकुलटा= कुल + अटा
तभी= तब + हीवहीं= वहाँ + ही
हथकड़ी= हाथ + कड़ीकनकटा= कान + कटा
अन्तर्राष्ट्रीय= अन्तः + राष्ट्रीयपनघट= पानी + घाट
स्त्रियोपयोगी= स्त्री + उपयोगी
'इक' प्रत्यय जुड़ने पर संधिनुमा परिवर्तन
अर्थ + इक = आर्थिक
धर्म + इक = धार्मिक
उद्योग + इक = औद्योगिक
सप्ताह + इक = साप्ताहिक
दिन + इक = दैनिक
भूगोल + इक= भौगोलिक
समाज + इक = सामाजिक
नीति + इक = नैतिक
दर्शन + इक = दार्शनिक
वर्ष + इक = वार्षिक
इतिहास + इक= ऐतिहासिक
प्रथम + इक = प्राथमिक

Comments

Popular posts from this blog

Rajasthan BSTC Old Exam Papers PDF (2013, 2014, 2015, 2016, 2017)

RBSE Class 12 Business studies all chapter solutions बिज़नस स्टडीज आल चैप्टर्स सलूशन व्यवसाय प्रबंध