Posts

Showing posts with the label राजस्थान में वन्य जीव अभ्यारण्य rajasthan me vanya jeev abhyaranya rashtriya udyan

Featured post

साझेदारी का सामान्य परिचय (General introduction of Partnership )

Image
साझेदारी का  सामान्य परिचय (General introduction of Partnership ) Table of Contents In this Post साझेदारी का  सामान्य परिचय (General introduction of Partnership ). साझेदारी का अर्थ (Meaning of Partnership)– साझेदारी की परिभाषा (Definition of Partnership)– साझेदारी की आवश्यकता (Need of partnership)– साझेदारी की विशेषताएं (Characteristics of partnership)– दो या दो से अधिक व्यक्तियों का होना – साझेदारो के मध्य समझौता या अनुबंध होना – लाभों का विभाजन – व्यवसाय का होना – व्यवसाय का सञ्चालन सभी के द्वारा या उन सभी की और से किसी एक के द्वारा होना – अधिनियम- असीमित दायित्व- पृथक अस्तित्व नहीं- साझेदारी के प्रकार(Types of Partnership)- दायित्व के अनुसार समयानुसार साझेदारी उद्देश्यानुसार साझेदारी वैधता के अनुसार साझेदारी साझेदारी संलेख(Paartnership Deed) साझेदारी संलेख में सम्मिलित मदें (Contents of Partnership Deed)- साझेदारी संलेख के अभाव में लागू होने वाले नियम(Rules Applicable in Absence of Partnership Deed) साझेदारी का  सामान...

राजस्थान में वन्य जीव अभ्यारण्य rajasthan me vanya jeev abhyaranya rashtriya udyan

Please enable JavaScript राजस्थान में वन्य जीव अभ्यारण्य वन्य जीवों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य 23 अप्रैल 1951 को राजस्थान वन्य-पक्षी संरक्षण अधिनियम 1951 लागु किया गया। भारत सरकार द्वारा 9 सितम्बर 1972 को वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 लागु किया गया। इसे राजस्थान में 1 सितम्बर, 1973 को लागु किया गया। 42 वां संविधान संशोधन, 1976 के द्वारा वन को राज्य सुची स निकालकर समवर्ती सूची में डाला गया। रणथम्भौर में टाइगर सफारी पार्क बनाया जायेगा। रेड डाटा बुक में संकटग्रत व विलुप्त जन्तुओं व वनस्पतियों के नाम प्रविष्ट किये जाते हैं। भारत में बाघ संरक्षण योजना के निर्माता कैलाश सांखला थे। अन्हें Tiger man of india भी कहते हैं। इन्होंने Tiger and return of tiger पुस्तकें भी लिखी। राष्ट्रीय उद्यान - 3 रणथम्भौर यह सवाईमाधोपुर जिले में स्थित है। इसका पुराना नाम रण स्तम्भपुर हैं। ये सवांईमाधोपुर के शासकों का आखेट क्षेत्र था। जिसे सन् 1955 में अभयारण्य घोषित कर दिया गया। वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम, 1972 के अन्तर्गत सन् 1973 में इसे टाईगर प्रोजेक्ट में शामिल किया गया हैं। राजस्थ...